Pata Nahi Kis Roop Me

पता नहीं किस रूप में Pata Nahi Kis Roop Me LYRICS

Song Details

 

पता नहीं किस रूप में Pata Nahi Kis Roop Me LYRICS

"पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा" 2018 में रिलीज़ हुई हिंदी फिल्म "भजन सम्राट अनूप जलोटा" का एक भक्ति गीत है। 

इस गीत को प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा ने गाया है और इसके बोल देवेंद्र काफिर ने लिखे हैं। संगीत किशोर मोहिते द्वारा रचित है।


गीत सर्वशक्तिमान के प्रति समर्पण और प्रेम की एक सुंदर प्रस्तुति है। 

गीत जीवन की अनिश्चितता और भगवान नारायण को किसी भी रूप में पाने की आशा के बारे में बात करते हैं, 

चाहे वह भिखारी हो, पथिक हो या संत। यह श्रोताओं को भौतिक दिखावे से परे देखने और हर किसी और हर 

चीज में परमात्मा को देखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

कुल मिलाकर, "पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा" एक आत्मा को झकझोर देने वाला गीत है 

जो हमें आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने और जीवन के हर पहलू में दिव्यता खोजने के लिए प्रेरित करता है।

📌 Song – गीत          पता नहीं किस रूप में Pata Nahi Kis Roop Me LYRICS

🎤 Singer – गायक         Narci

✍️ Lyrics – लेखक           Narci

🎼 Music – संगीत           Narci

Pata Nahi Kis Roop Me

Lyrics in hindi


पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा..

पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा..

सांस रुकी तेरे दर्शन को, न दुनिया में मेरा लगता है

शबरी बांके बैठा हूं मेरा श्री राम में अटका मन

बेकार मेरे दिल को मैं कितना भी समझा लूं

राम दरस के बाद दिल चोरेगा ये धड़कन

काले युग प्राणि हूं पर जीता हूं मैं त्रेता युग..

कर्ता हूं महसुस पलों को माना न वो देखा युग

देगा युग कलि का ये पापोन के उपहार का

चांद मेरा पर गाने का हर प्राण को देगा सुख

हरि कथा का वक्त हूं मैं, राम भजन की आदत..

राम आभारी शायर, मिल जो राही है दावत

हरि कथा सुना के मैं चोर तुम्हें कल जाउंगा

बाद मेरे न गिरने न देना हरि कथा विरासतत..

पाने को दीदार प्रभु के नैन बड़े ये तरस है

जान सके ना कोई वेदना रातों को ये बरसे है

किसे पता किस मौके पे, किस भूमि पे, किस कोने में

मेले में या वीराने में श्री हरि हमें दर्शन दे..

पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा..

पता नहीं किस रूप में आकार

इंतजार में बैठा हूं कब बीतेगा ये काला युग

बीतेगी ये पीडा और भारी दिल के सारे दुख

मिलने को हूं बेकार पर पाप का मैं भागी भी..

नाज़रीन मेरी आगे तेरे श्री हरि जाएगी झुक

राम नाम से जुड़े हैं ऐसे खुद से भी ना मिल पाए

कोई ना जाने किस चेहरे में राम हमें कल मिल जाए

वैसे तो मेरे दिल में हो पर आंखें प्यासी दर्शन की..

शाम, सवेरे सारे मौसम राम गीत ही दिल गए

रघुवीर ये वींटी है तुम दूर करो अंधेरों को

दूर करो परेशानी के सारे भुखे शेरों को

शबरी बांके बैठा पर काले युग का प्राण हूं..

मैं जूता भी ना कर दूंगा पापी मुह से बेरो को

बन चुका बैरागी दिल, नाम तेरा ही लेता है

शायर अपनी सांसें ये राम सिया को देता है..

और नहीं इच्छा है अब जीने की मेरी राम यहां

बाद मुझे मेरी मौत के बस ले जाना तुम त्रेता में

शायद तुम्हे यह भी अच्छा लगे..

Pata Nahi Kis Roop Me song on youtube

 

Pata Nahi Kis Roop Me

English Font


Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Narayan Mil Jayega

Nirmal Man Ke Darpan Mein Wah Ram Ke Darshan Payega

Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Narayan Mil Jayega

Nirmal Man Ke Darpan Mein Wah Ram Ke Darshan Payega

Sans Ruki Tere Darshan Ko Na Duniya Mein Mera Lagta Man

Shabri Banke Baitha Hoon Mera Shree Ram Mein Atka Man

Bekarar Mere Dil Ko Main Kitna Bhi Samjha Loon

Ram Daras Ke Bad Dil Chhodega Ye Dhadkan

Kale Yug Prani Hoon Par Jeeta Hoon Main Treta Yug

Karta Hoon Mehsus Palon Ko Mana Na Wo Dekha Yug

Dega Yug Kali Ka Ye Papon Ke Uphar Kayi

Ch And Mera Par Gane Ka Har Prani Ko Dega Sukh

Hari Katha Ka Vakta Hoon Main Ram Bhajan Ki Aadat

Ram Aabharee Shayar Mil Jo Rahi Hai Dawat

Hari Katha Suna Ke Main Chhod Tumhein Kal Jaunga

Bad Mere Na Girne Na Dena Hari Katha Virasat

Pane Ko Deedar Prabhu Ke Nain Bade Ye Tarse Hai

Jan Sake Na Koi Vedna Raton Ko Ye Barse Hai

Kise Pata Kis Mauke Pe Kis Bhoomi Pe Kis Kone Mein

Mele Mein Ya Veerane Mein Shree Hari Humein Darshan De

Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Narayan Mil Jayega

Nirmal Man Ke Darpan Mein Wah Ram Ke Darshan Payega

Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Narayan Mil Jayega

Nirmal Man Ke Darpan Mein Wah Ram Ke Darshan Payega

Pata Nahi Kis Roop Mein Aaka

Intezar Mein Baitha Hoon Kab Beetega Ye Kala Yug

Beetegi Ye Peeda Aur Bhari Dil Ke Sare Dukh

Milne Ko Hoon Bekarar Par Papon Ka Main Bhagi Bhi

Nazarein Meri Aage Tere Shree Hari Jayegi Jhuk

Ram Nam Se Jude Hai Aise Khud Se Bhi Na Mil Paye

Koi Na Jane Kis Chehre Mein Ram Humein Kal Mil Jaye

Vaise To Mere Dil Mein Ho Par Aakhein Pyasi Darshan Ki

Sham Savere Sare Mausam Ram Geet Hi Dil Gaye

Raghuvir Ye Veenti Hai Tum Door Karo Andheron Ko

Door Karo Pareshani Ke Sare Bhookhe Sheron Ko

Shabri Banke Baitha Par Kale Yug Ka Prani Hoon

Main Jootha Bhi Na Kar Paunga Papi Muh Se Beron Ko

Ban Chuka Bairagi Dil Nam Tera Hi Leta Hai

Shayar Apni Sansein Ye Ram Siya Ko Deta Hai

Aur Nahi Iccha Hai Ab Jeene Ki Meri Ram Yahan

Bad Mujhe Meri Maut Ke Bas Le Jana Tum Treta Mein

Ram Ke Charitr Mein Sabko Apne Ghar Ka Apne Kashton

Ka Jawab Milta Hai

Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Narayan Mil Jayega

Nirmal Man Ke Darpan Mein Wah Ram Ke Darshan Payega

Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar Narayan Mil Jayega

Nirmal Man Ke Darpan Mein Wah Ram Ke Darshan Payega.

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